बंद आँखों से कलियों ने सपने देखें हैं
सपने, भौरों के आस-पास मंडराने के।
सपने, उन्हें खिलते देख बाकियों को
उनके चारो तरफ मंडराने के।
सपने, जो उन्हे तेज धूप, थपेड़ों और
बुरी नजरों से बचाए।
सपने, जो उनके आँख खुलते ही
उनके ख्वाब सच होते जाए।
सपने, जो उन्हे बगिये में सबसे खूबसूरत बनाये।
सबके लाड़ले और सबके प्यारे।
कलियों को यह मालूम नहीं कि
बंद आँखों से सपने देखना
अंधेरे में रंग भरने जैसा है।
आँख खुलते हि सारी ख्वाहिशों
का गला सूखने लगता है
और प्यास से वो अपना दम तोड़ देती हैं।