बेफिक्र




मेरे सपनों में तुम्हारा कोई रंग नहीं है
तुम्हारे जैसी एक छाया है 
जो  हू ब हू तुम्हारे जैसा है 
सुबह की किरण कभी 
मेरे सपने में पहुंची ही नहीं
तुम्हें तौलने की बात ही 
सिरे से ख़ारिज हो चुकी है
तुम सपने में ही सही
बेफिक्र घुमा करो।