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Showing posts from November, 2018

घर

Listen to my latest performance on YourQuote app at https://www.yourquote.in/suruchi-kumari-fpjd/quotes/ghr-k1v97 तुमने जो यादें छोड़ दि थी मेरे पास युहि फटे हाल में जिसे तुमने  एक बार भी मुड़ के देखने की कोशिश तक न की वो पल जो तुमने जिये उन्हे छोड़ आये तुम मेरे दर पर या तुम्हारी जेब से सरक कर मेरे पास पहुँच ग ई वो सब मैने संभाल के लिफाफे में रख दिया है उन आँखों के दिये मे तुम हर रोज मुझे देखा करते थे वो दिपक बुझा आये तुम एक चांद कि याद मे भीनी-भीनी खुशबू जो मेरे घर में बिखेर के उसे रौंद आये तुम किसी की चाह मे वो घर मैने सजा लिया है । कभी गुजरो इन गलियों से तो अपना दिल लेते जाना पता नहीं तुम कैसे दिल लगाते फिरते हो ।