Skip to main content

Posts

Showing posts from August, 2023

घर

घर की दहलीज पे कदम रखते ही यादों का पिटारा खुलता है।  वो यादें जिनका हिस्सा मैं रही और वो भी जिनकी यादों से  मैं गायब रही। वो सारी यादें  लकड़ी के ताबूत में रखें  पुराने कपड़ों सी महकती हैं। कुछ ऐसी यादें है जिनकी परत मैं छू सकती हूं, और कुछ ऐसी भी  जिन्हे याद करने से मैं  उधड़ जाऊंगी। घर से दूर रहने की कीमत बहुत है। मां - बाप अचानक से बूढ़े दिखने लगते है। छोटे से घर में भी खालीपन  तैर रहा होता है। और एक शक्श का सिंहपर्णी का फूल  हो जाना जिंदगी भर खलता रहेगा। घर आज भी घर है  और मैं उस घर का एक  लटकता हुआ हिस्सा।

खूबसूरत औरत और सुंदर आदमी

एक खूबसूरत औरत है और एक सुंदर सा आदमी। हर रोज सुंदर आदमी खूबसूरत औरत के ऐब गिनवाता है अकेले में। सुंदर आदमी खूबसूरत औरत को तौहफे देता है बेशकीमती तौहफे। बंगला, हीरे, जवाहरात... लोगो के सामने। सुंदर आदमी खूबसूरत औरत के अधिकार छीनता है  अकेले में। सुंदर आदमी खूबसूरत औरत की शक्ल बिगाड़ता है, जिस्मों पे निशान छोड़ता है अकेले में। सुंदर आदमी खूबसूरत औरत को ब्याह ले जाता है  लोगो के सामने।