8 बजे May 29, 2024 हर शाम की आखिरी मुलाकात को 8 बजे के आखिरी सेकंड से चुरा के अपने बस्ते में छुपा लाई हूं। वो वक्त वही रुका है, उस रास्ते पे शाम ढलेगी सुबह का सूरज निकलेगा लोगों के जमावड़े होंगे अनवरत बातों का सिलसिला होगा पर अब घड़ी के सूई 8 तक नहीं पहुंचेगी। Read more