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Showing posts from September, 2018

आइये सफाई करते है

सालों की पड़ गंदगी से आज देश को आबाद करते है, आइये सफाई करते है । दुर तलक खेतों, गलियों, में क्या झाड़ू मारना? नालो का भी स्वाद चखते है, आइये सफाई करते है । महंगे परिधानों का तो कहना हि नही हैं, कभी अर्ध॒ नग्न भी डुबकी लगाते है, आइये सफाई करते है । कैमरा तो समतल जमीं को भाता हि है पानी में आज फ्लैशलाइट खेलते हैं, आइये सफाई करते है । बडे बडे प्रॉजेक्ट तो है ही आखों के समक्ष कुछ विराने भी आज आबाद करते है, आइये सफाई करते है । स्वच्छंद हवाओ से तो भर ही चुके हैं अपनी सांस कुछ बदबुये भी अपने नाम करते है आइये सफाई करते है ।

लम्बा सफर

ये वक़्त की  आहट उनसे पूछिये, जिनके दिन रात किनारों को तकते गुजरे थे । ये  शाम सवेरे का रंग उनसे पूछिये, जिनके सतरंगी सपने  आसमां में तैर रहे थे । वो कर्कश वाणी का प्रहार उनसे पूछिये, जिससे वो महफिलों में  अपनो का हाथ छोड़ देते थे । वो सासों का रूकना उनसे पूछिये, जिनके घर उनके  आँखों के सामने बिखरे थे । ये खुशी  उनसे पूछिये, जिनके  अरमां धड़कते दिल के तालो में कैद थी । ये  आजादी उनसे पूछिये, जिनके ख्वाब हकीकत के लिए एक फैसले की मोहताज थी ।