आइये सफाई करते है







सालों की पड़ गंदगी से आज देश को आबाद करते है,
आइये सफाई करते है ।

दुर तलक खेतों, गलियों, में क्या झाड़ू मारना?
नालो का भी स्वाद चखते है,
आइये सफाई करते है ।

महंगे परिधानों का तो कहना हि नही हैं,
कभी अर्ध॒ नग्न भी डुबकी लगाते है,
आइये सफाई करते है ।

कैमरा तो समतल जमीं को भाता हि है
पानी में आज फ्लैशलाइट खेलते हैं,
आइये सफाई करते है ।

बडे बडे प्रॉजेक्ट तो है ही आखों के समक्ष
कुछ विराने भी आज आबाद करते है,
आइये सफाई करते है ।

स्वच्छंद हवाओ से तो भर ही चुके हैं अपनी सांस
कुछ बदबुये भी अपने नाम करते है
आइये सफाई करते है ।








लम्बा सफर




ये वक़्त की  आहट उनसे पूछिये,
जिनके दिन रात किनारों को तकते गुजरे थे ।

ये  शाम सवेरे का रंग उनसे पूछिये,
जिनके सतरंगी सपने  आसमां में तैर रहे थे ।

वो कर्कश वाणी का प्रहार उनसे पूछिये,
जिससे वो महफिलों में  अपनो का हाथ छोड़ देते थे ।

वो सासों का रूकना उनसे पूछिये,
जिनके घर उनके  आँखों के सामने बिखरे थे ।

ये खुशी  उनसे पूछिये,
जिनके  अरमां धड़कते दिल के तालो में कैद थी ।

ये  आजादी उनसे पूछिये,
जिनके ख्वाब हकीकत के लिए एक फैसले की मोहताज थी ।