लम्बा सफर




ये वक़्त की  आहट उनसे पूछिये,
जिनके दिन रात किनारों को तकते गुजरे थे ।

ये  शाम सवेरे का रंग उनसे पूछिये,
जिनके सतरंगी सपने  आसमां में तैर रहे थे ।

वो कर्कश वाणी का प्रहार उनसे पूछिये,
जिससे वो महफिलों में  अपनो का हाथ छोड़ देते थे ।

वो सासों का रूकना उनसे पूछिये,
जिनके घर उनके  आँखों के सामने बिखरे थे ।

ये खुशी  उनसे पूछिये,
जिनके  अरमां धड़कते दिल के तालो में कैद थी ।

ये  आजादी उनसे पूछिये,
जिनके ख्वाब हकीकत के लिए एक फैसले की मोहताज थी ।


3 comments:

Unknown said...

Nice lines 😍😍

Gautam Kumar said...

अतिसुन्दर

suruchi kumari said...

धन्यवाद