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तारीख



वो सुर्ख सी रातें
वो लबों पे आके रूकीं
उनकी अनकही बातें
उनके आँखों की चमक
उनके होठों की मुस्कुराहटें
मेरे दिल के दरवाजे पे
उनके यादों का
अनवरत सिलसिला
चाँदनी भरी रात में
सितारों का काफिला
कुछ नहीं बदला
तारीखों ने बस
थोड़ी सी अदला बदली कि है

Comments

Kush said…
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Kush said…
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Kush said…
Don't understand,how things get deleted,this skill of writing will hlp in ethics answer.😊

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भगवान

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कमरा नंबर 220

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