प्रेम



जब नींद सजे तुम्हारे आँखों में
मेरे कंधे पे सर रख सो जाना
मै शांत समुद्र बनु धरती कि
तुम सूर्य उदय हो मुस्काना
थक जाये तुम्हारी आँखें जब
मेरी जूल्फो तले तुम रूक जाना
बंजर जमीं बनूं मै धरा पे
बूंदें बन तुम बरस जाना
दिल जो बातें कह न सका
शब्द बन तुम सब कह जाना
फूल बनूं मै तुम्हारे बगिया कि
खूशबू बन मुझमे खो जाना

1 comment:

Kush said...

Beautiful written😊