वक्त




धूप, छांव; चाँद, सितारे
हवा, बादल; पहाड़ और नदियां
कुछ तो कहते होंगे एक दुसरे से
एक दुसरे को छूकर गुजर जाना
कितना मुश्किल होता होगा
इन्हें भी तो इन्तजार होगा
उस पल का जब वक्त थम जाये
कोई ऐसा जादू हो जाये कि
धूप, छांव से मिले
सितारे चाँद के माथे को चुमे
हवा, बादलों के हाथों में हाथ डाल
दूर सफर पर निकले और
पहाड़ों के आगोश में नदियां खो जाये

दस्तक



उनके महल ने ये ऐलान किया है
कि दरवाजे पर कोई दस्तक ना दे
अधखुली आँखों से सपने
अब अच्छे नहीं लगते
तो इन्हें नींद की दरिया मे डुबने का
एक मौका तो मिलना चाहिए
आधी अँगडाई से पुरा शरीर
टीस करके रह जाता है
तो इन्हें मखमली आवरण मे सिमटने का
एक मौका तो मिलना चाहिए
अनवरत हाथों का सिलसिला उचाट करता है
तो इन्हें हस्त के स्पर्श मे खोने का
एक मौका तो मिलना चाहिए
इन सब से बेखबर हवाओं ने
एक रूख लिया है
अधखुली आँखों के ख्वाबगाह मे
किसी ने एक दस्तक दिया है

Love

We all wanted to live, we wanted to cherish every single moment. We want to gulp every single drop of love. Love, which has the power to change everything literally everything. The first thing we learn when we see this world is love, so beautiful and pious. We grow by the love we heel through love and one of the most important that it vails us in our hard times. Nature has a very beautiful way to tell us she loves us so much. Love never happened to be about the body it always and always about the soul. The love of soul flourishes with time, it goes up, up and up. Love is the smile of flowers, love is the raindrops standing at the window and about to touch the grass. Love is the wind which is ready to cuddle you every single time. Love is just love.

तुम कभी सिरहाने बैठो



तुम कभी सिरहाने बैठो
तो मै बताऊँ
कि कितनी तरंगें हैं जो
मेरे दिल मे हर रोज
एक कोने से दुसरे कोने
तुम्हें देखते ही दौड़ना शुरू करती है
तुम कभी सिरहाने बैठो
तो मै बताऊँ
कि तुम्हारा मेरे सामने आना
शायद कोई जादू सा होता है
वक्त जैसे थम सा जाता है
वो सारे पल आँखों में कैद
खुद को न जाने कितनी बार दोहराते हैं
तुम कभी सिरहाने बैठो
तो मै बताऊँ
कि मैं तुम्हारी आँखें पढ़ना सीख रही हूं