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वक्त की आहट



वक्त की आहट मैने सुनी नहीं
वो मेरे घर कि चौखट पे खड़ा
मेरा इन्तजार करता रहा
मै अपनी कल्पनाओं मे खोई रही
वो अपने अनुसार चलता रहा
मै रुकी, मै थकी,
मै हारी भी
पर वो अपनी ही बनायी
समुंदर मे गोते खाता रहा

Comments

Kush said…
Beautiful !!wish it was more to go into ...well done

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