ढ़लती शाम और
अधखुली आँखों से देखता सूरज
अपनी जिंदगी चंद लफ्जों
मे बयांं कर रहा है
कुछ घंटों कि जिंदगी से
वो उदास नहीं है
वो अपना पूरा दिन
किसी के इन्तजार मे तपा के
थक चुका है
और अब वो बस सागर की बाहों
में सो जाना चाहता है।
Bahut badhiya
धन्यवाद😊😊
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2 comments:
Bahut badhiya
धन्यवाद😊😊
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