लड़के वाले देखने आये थे।
देखने?
हां ब्याह होने वाला है हमारा
हाये मईया मोरी, कल तक तू तो ब्याह के नाम से चिढ़ती थी आज अचानक क्या हो गया?
तो तू का चाहती है .. हम जिन्दगी भर इस खेत मे धूल खातीं रहे। क्या हमें हक ना है सुन्दर कपड़ें पहन कर, सज संवर के घूमने का?
शाम ढलने को हैं।
No comments:
Post a Comment