मिट्टी की दिवार

 लाडो़ लगता है बारिश होने वाली हैं

हां अम्मा, आज रात बहुत अच्छी नींद आयेगी। और मै कह देती हूं , आज बरामदे में सिर्फ मै सोऊंगी छुटकी नहीं।

हां- हां सो जाना, पर ये भी सोच अगर तेज बारिश हुई तो क्या होगा? बडी मुश्किल से ये दिवार खड़ा किया है। इस बारिश में कहीं ये दिवार......

लाडो़ कुछ देर आसमां की ओर देखती हैं.. बादलों पे आँखें टिकाये कहती हैं, नहीं अम्मा आज नहीं होगी देख ना ये कैसे फीके से बादल है । तू अंदर जा, और आज रात बरामदे में छूटकी के साथ सो जाना। 


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