प्यार

 



प्यार, कभी अधुरा नहीं होता

वो अपनी हर ईकाई मे पूर्ण होता है।

प्यार, किसी सुनसान रास्ते पर अकेला नहीं होता

वो अपना पुरा कारंवा साथ लेके चलता है।

प्यार, आंसमा मे टंगे उस चाँद कि तरह होता है

जिसके बहुत सारे चेहरे होते हैं, पर फिर भी वो चाँद होता है।

प्यार, सुबह और शाम का रंग होता है।

प्यार, बरसते हुए बुंदों कि तरह होता हैं,

जो अपना सब कुछ छोड़ कर

आंसमा से टूट कर जमीं पर गिरता है।

प्यार, कभी मरता नहीं है

वो ब्रम्हांड मे गोते लगाता है।