किसी के जूते में आके
अगर इंसान को समझना,
उसके तरीकों और सलीको को
सीखने और जानने का सबसे
अच्छा तरीका है,
तो मैं इससे इन्कार करती हूं।
क्यूंकि, ये मुझे मेरा होने से रोकती है ।
घड़ी की हर टीक टीक के साथ
उनके जूते मुझे चुभते है।
एड़ियों में एक अजीब सी
टीस आती हैं,
और, फिर मैं अपनी नहीं रहती।
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