वो अक्सर एक ही जगह पर
टीक के रहा करतीं है।
बिना ये जाने, समझे
कि इनके आस पास का
माहौल कितना बदल चुका है।
तस्वीर में टिका हुआ बादल
कब का हवा के साथ बह चला है।
दीपक की पिली, इठलाती लौ
जल के धुआं हो चुकी हैं।
और वो पेड़ पर बैठी चिड़िया
शाम होते ही घर को जा चुकी हैं।
तस्वीरों में एक ठहराव है
और जिंदगी गतिमान।
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