सुननी ह की बड़ा ताकत बा
औरत में आ, उनकर व्रत करे में।
मरतो आदमी के जिया देली
संतान खातिर कुछो करेके
तैयार हो जाली।
साल भर में ना जाने केतना
इतवार, मंगर आ बिफे सहिहे।
आ तीज, जितिया त महान परब बड़ले बा।
भारा भखिहे दुनिया भर के
आ पूरा करिहे दिल से।
मांग में बड़का सेंदुर करिहें
सईया के लम्हर जीनगी इनके त करेकेे बा।
सब बात त समझ में आवेला
एके चिजिया ना बुझाए
जब पीटालि सईया से त सहली काहे?
जब लइकन चढ़ला माथा पे त रोवली काहे?
शक्तिया ऊ घरी छीन हो जाला का?
2 comments:
Wah!
Thank you asu
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