घर, आंगन सब बिखरल हे
आ, सिमटल ही हम अपन चदर में।
हाथ के चूड़ी फूटल हे
आ, मुंह होयेल हे लाल।
जेकरा साथे देखेला
चांद आऊ तारा
आज देखित ही अकेले
आंगन में कड़कस घाम।
मांग के सेंदूर टून हे कल से
आ, घर हे झारल।
कहा़ जाई अब हम
ही किस्मत के मारल।
मज्जा आगेलवा दीदी एकदम गजबे
👏👏👏
Thank you golu
Thank you Asu
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5 comments:
मज्जा आगेलवा दीदी एकदम गजबे
👏👏👏
👏👏👏
Thank you golu
Thank you Asu
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