वस्तुतः
फर्क
जो अपनी नाकाबिलियों की वजह
से रिश्तों में अकेले छोड़े गए है,
उन्हें मैं यह कहना चाहती हूं कि,
आप सब उतने ही काबिल है
जितने आप के संबंध के उस पार खड़े लोग।
बस फर्क इतना है कि
वो सो के जाग रहे हैं
और हम जाग के भी सो रहे हैं।
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