तुम





मुझे कुछ कहना नहीं था तुमसे, 
ना कुछ वक्त छूटा था मेरा। 
हां, पर तुम थी तो एक हुजूम था।
तुम थी तो ठहाके थे। 
तुम थी तो थोड़े मन-मुटाव थे। 
तुम थी तो कहानियां थी। 
तुम थी तो नजारे थे। 
तुम थी तो तुम्हारी खुशियां थी। 
तुम थी तो तुम्हारी नराजियां थी। 
तुम थी तो सुबह की चाय थी। 
तुम थी तो सब था। 
कुछ अधूरी बातें तो नही थी। 
पर, तुम थी तो हम पूरे थे। 

2 comments:

Anonymous said...

Amazing ❤️

suruchi kumari said...

Thank you