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Showing posts from April, 2023

बीते वक्त

कल के बीते वक्त में तुम्हारे लिए नफरत नहीं है। ना ही अब मुझे खुद से शिकायत है। ना तुम गलत थे कल, ना मैं गलत थी। हालातों पे क्यूं थोपना बीते वक्त को? ना वक्त तुम्हारा था, ना मंजर मेरा।

जिंदगी

किस वक्त का इंतजार  कर रही हो? घने अंधेरे में किस रौशनी की तलाश कर रही हो? ऐसा क्या खो दिया है जो ढूंढ रही हो तुम? कौन से सुनहरे वक्त का इंतजार है तुम्हे?  ज़िंदगी के किस मुकाम  पे पहुंच कर  खुश रहना चाहती हो? वक्त के कांटो से होते हुए जिस जिंदगी से तुम भाग रही हो, असल में ये जिंदगी ही  तो तुम जी रही हो।

उड़ान

सुना है, बहुत मजबूत हैं तुम्हारे पंख, ऊंची उड़ान भरने का  अदम्य साहस रखते हैं। हर मुश्किल को चीर  के निकल जाती हो, बाधाओं का नाम  सुना है भी या नहीं? चलो तुम्हारे रास्ते में किसी का साथ, किसी का प्यार किसी का वक्त रखते है। निभा लोगी क्या? सच में "हाँ" बोला तुमने? अच्छा चलो तुम्हारी  गोद में बच्चा रखते है।