हम जिंदा है इस भीड़ में।
हम जिंदा है गुजर चुके हर वक्त में।
हम जिंदा है गंगा के किनारे
सर्द दोपहरी में
आसमां तकने में।
हम जिंदा है खाली
पड़ी उन गलियों में
हम जिंदा है
आलू के पराठों में।
हम जिंदा है
स्टेशन तक के सफर में।
हम जिंदा है
बातों के बीच की खामोशी में।
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