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Desire






I want to seat next to you
And want to listen what you have to say.
I want to travel in your childhood,
I want to hold your hand 
under the open sky.
I want to know 
how you felt 
when nothing was going 
your way.
I want to be present there
in your hard times.
I want to see you cry.
I want to hold you.
I want to embrace silence 
with you.

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भगवान

किताबों की पढ़ी पढ़ाई बातें अब पुरानी हो चुकी हैं। जमाना इंटरनेट का है और ज्ञान अर्जित करने का एक मात्र श्रोत भी। किताबों में देखने से आँखें एक जगह टिकी रहती हैं और आंखों का एक जगह टिकना इंसान के लिए घातक है क्योंकि चंचल मन अति रैंडम। थर्मोडायनेमिक्स के नियम के अनुसार इंसान को रैंडम रहना बहुत जरूरी है अगर वो इक्विलिब्रियम में आ गया तो वह भगवान को प्यारा हो जाएगा।  भगवान के नाम से यह बात याद आती है कि उनकी भी इच्छाएं अब जागृत हो गई हैं और इस बात का पता इंसान को सबसे ज्यादा है। इंसान यह सब जानता है कि भगवान को सोना कब है, जागना कब है, ठंड में गर्मी वाले कपड़े पहनाने हैं, गर्मी में ऐसी में रखना है और, प्रसाद में मेवा मिष्ठान चढ़ाना है।  सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इंसान इस बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ यह पता कर चुका है कि भगवान का घर कहां है? वो आए दिन हर गली, शहर, मुहल्ले में उनके घर बनाता है। बेघर हो चुके भगवान के सर पर छत देता है।  इकोनॉमी की इस दौड़ में जिस तरह भारत दौड़ लगा के आगे आ चुका है ठीक उसी तरह इंसान भी भगवान से दौड़ लगा के आगे निकल आया है। अब सवाल यह है कि भगवान अग...

कमरा नंबर 220

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टपकता खून

तुम्हारे पर्दे से टपकता खून  कभी तुम्हारा फर्श गंदा नहीं करता वो किनारे से लग के  बूंद बूंद रिसता है  मुझे मालूम है कि  हर गुनाहगार की तरह  तुम्हे, तुम्हारे गुनाह मालूम है पर तुम्हारा जिल्ल ए इलाही बन  सबकुछ रौंद जाना  दरवाजे पर लटके पर्दे पर  और खून उड़ेल देता है।