फरेब






तुम्हारे सवालों के जवाब लिखने बैठी हूं
अपने ही घाव कुरेदने बैठी हूं। 
क्या ढूंढते थे मुझमें तुम? 
उसका हिसाब लिए बैठी हूं।
तुम्हारे हँसी, आँसू सब फरेब थे
मैं आईना अपने साथ लिए बैठी हूं। 

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