Skip to main content

Posts

Showing posts from June, 2024

Women with voice

This is not just about December. It's about the whole year. But it's better to start with December. December used to be the month where I lost a lot and, at the same time, gained a lot. It's the best way of the month to tell me goodbye. Last December, I was struggling to get into college. Every friend of mine has started doing something, and I was just not doing anything. I was wondering about my future; crying in the corner and going back to sleep was the only thing I was left with. As a child or teenager, I was not concerned about what I was doing or what I would do. I always enjoyed the process and needed to figure out where I was going. The same continued in my higher studies, too. After enrolling in one course, I used to relax and stop thinking about my further journey. As a human being, we must think about where we are heading and what coming through this. Wandering here and there is not the solution.  January started with a sweet view and ended with a bitter taste. I...

फोन का दूसरा कोना

                                                               Image courtesy Ananya        तुमसे बात करते वक्त  अक्सर मैं खुद से बात करने लगती हूं। फोन के उस तरफ पड़े तुम अपनी अनगिनत बातों का पिटारा खोले बैठे होते हो और फोन के दूसरी तरफ मैं तुम्हारे दिखाए  पिटारे से दूर जाके  खुद को खुद से गुफ्तगू करते हुऐ पाती हूं। तुम बीते कल के कुएं से  यादों को बाल्टी में भर के खींच रहे होते हो और मैं आने वाले कल के समंदर में  गोते लगाने के लिए तैयार बैठती हूं। बीते 20 साल चंद घंटों में समेटना  बिल्कुल ऐसा है जैसे  भरी बाल्टी में पानी भरना। तुम्हारी बाते बाल्टी में  भरते-भरते ऊपर तक आ जाती है और उसके बाद मैं बह जाती हूं  खुद की बातों के साथ  तुम्हे फोन के दूसरे तरफ  छोड़ के।

खुद की बात

6 महीने पहले मिली थी मैं तुमसे तुम्हे याद है कितनी बातें हुई थी हमारी? अपने बचपन के बारे में स्कूल के बारे में टीचर्स की खिंचाई  और जो हमने नींबू वाले बगीचे  के बाहर खड़े हो के नींबू चुराई थी तालाब में गोते लगाने के बारे में और हां, जब तुमने A, B, C, D पूरी  याद की थी और A for Apple  B for Ball पूरे क्लास में सुनाया था कितनी खुश थी तुम  तुम अकेली जो थी उस क्लास में  सुनाने वाली। जब तुम्हारी दीदी की शादी तय हुई  तुम सातवे आसमान पे थी  तैयारियों को लेकर कपड़ो को लेकर नए जीजा जी के स्वागत को लेके भी तुमने कितने सपने देखे थे तुम थाली कैसे सजाओगी  आरती में कितने पैसे मांगोगी और कैसे उन्हें चुपके से  रसगुल्ले की बजाए  आलू खिलाने का इरादा था तुम्हारा इन सबों के बीच तुम्हारी भी शादी की  खबर आना थोड़ा चौका गया था मुझे शायद तुम्हारे लिए भी  ये कुछ ऐसा ही अनुभव रहा होगा मैं अब तुमसे शादी के बाद मिली हूं तुम अब भी दुनिया भर की बातें करती हो अपने नए जीवन साथी के बारे में अपने नए घर के बारे में  तोहफे में मिले गहनों और कपड़ों के बा...

उधेड़ बुन

बहुत अंधेरे में रहा है वो दिन के उजाले में  ढूंढता है खुद को  रात, थक के सो जाता है। एक उधेड़ बुन सी जिंदगी है उसकी  अपनी खुशियां दरारों में भर के  फर्श सजाया करता है। तपती धूप में चला है वो बिना छांव की तलाश में थक के पेड़ की ओट में  बैठ के, ठंडी हवा की चाह  रखता है तो वो क्या गलत चाहता है!