Skip to main content

खुद की बात





6 महीने पहले मिली थी मैं तुमसे
तुम्हे याद है कितनी बातें हुई थी हमारी?
अपने बचपन के बारे में
स्कूल के बारे में
टीचर्स की खिंचाई 
और जो हमने नींबू वाले बगीचे 
के बाहर खड़े हो के नींबू चुराई थी
तालाब में गोते लगाने के बारे में
और हां, जब तुमने A, B, C, D पूरी 
याद की थी और A for Apple 
B for Ball पूरे क्लास में सुनाया था
कितनी खुश थी तुम 
तुम अकेली जो थी उस क्लास में 
सुनाने वाली।
जब तुम्हारी दीदी की शादी तय हुई 
तुम सातवे आसमान पे थी 
तैयारियों को लेकर
कपड़ो को लेकर
नए जीजा जी के स्वागत को लेके भी
तुमने कितने सपने देखे थे
तुम थाली कैसे सजाओगी 
आरती में कितने पैसे मांगोगी
और कैसे उन्हें चुपके से 
रसगुल्ले की बजाए 
आलू खिलाने का इरादा था तुम्हारा
इन सबों के बीच तुम्हारी भी शादी की 
खबर आना थोड़ा चौका गया था मुझे
शायद तुम्हारे लिए भी 
ये कुछ ऐसा ही अनुभव रहा होगा
मैं अब तुमसे शादी के बाद मिली हूं
तुम अब भी दुनिया भर की बातें करती हो
अपने नए जीवन साथी के बारे में
अपने नए घर के बारे में 
तोहफे में मिले गहनों और कपड़ों के बारे में 
पर तुम अब खुद की बात क्यू नहीं करती?


Comments

Riddhi said…
It's beautiful ❤️
Riddhi said…
I love it .. 🖤
Legit Info said…
Kaafi ladkiyon ke saath yhi ho rha hai. So self reliant hona ek necessity banti ja rhi hai ladkiyon kiye. #Girlpower. #nice eecognition and presentation.

Popular posts from this blog

गुलदस्ता वाला चेहरा

शायद वो भूल गया है मुझे  3 हफ्ते हो गए और मेरी कोई  खबर नहीं। क्यों जरूरी हूं मैं उसके लिए  उसके जिंदगी में बहारों की  क्या कमी है? मोबाइल की नोटिफिकेशन  निहारती मै, उसके मेसेजेज का वेट करती मै, कितनी अजीब लगती हूं। खुद से बातें करके मैने  घर के कोने में एक  बड़ा सा ऊन का गट्ठर तैयार कर लिया है रोज उस गट्ठर को सुबह-शाम देखती हूं दोपहर को उसके कंधे पर सोती हूं और  शाम ढले उसके बाहों से सरक कर फिर से जमीन पर आ लगती हूं। जब गट्ठर से जी भर जाए तो  फिर से मोबाइल का नोटिफिकेशन  निहार लेती हूं  और फिर से वही निराशा। कितनी दयनीय हो गई हूं मैं! कल सुबह उठ के मैने यही सोचा  की मैं आज उस ऊन के गट्ठर को  खिड़की से बाहर फेक दूंगी और उस जगह पर खुद को सजाऊंगी और आज जब खिड़की खोली तो  वो अपने गुलदस्ते वाले चेहरे के साथ खड़ा था।

भगवान

किताबों की पढ़ी पढ़ाई बातें अब पुरानी हो चुकी हैं। जमाना इंटरनेट का है और ज्ञान अर्जित करने का एक मात्र श्रोत भी। किताबों में देखने से आँखें एक जगह टिकी रहती हैं और आंखों का एक जगह टिकना इंसान के लिए घातक है क्योंकि चंचल मन अति रैंडम। थर्मोडायनेमिक्स के नियम के अनुसार इंसान को रैंडम रहना बहुत जरूरी है अगर वो इक्विलिब्रियम में आ गया तो वह भगवान को प्यारा हो जाएगा।  भगवान के नाम से यह बात याद आती है कि उनकी भी इच्छाएं अब जागृत हो गई हैं और इस बात का पता इंसान को सबसे ज्यादा है। इंसान यह सब जानता है कि भगवान को सोना कब है, जागना कब है, ठंड में गर्मी वाले कपड़े पहनाने हैं, गर्मी में ऐसी में रखना है और, प्रसाद में मेवा मिष्ठान चढ़ाना है।  सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इंसान इस बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ यह पता कर चुका है कि भगवान का घर कहां है? वो आए दिन हर गली, शहर, मुहल्ले में उनके घर बनाता है। बेघर हो चुके भगवान के सर पर छत देता है।  इकोनॉमी की इस दौड़ में जिस तरह भारत दौड़ लगा के आगे आ चुका है ठीक उसी तरह इंसान भी भगवान से दौड़ लगा के आगे निकल आया है। अब सवाल यह है कि भगवान अग...

खबरें विस्तार से

नमस्कार, आप सबका स्वागत है खबरें विस्तार से में।  आज की हमारी पहली खबर आई है शामपुर से। शामपुर में एक औरत ने मौसम को देखते हुए तीज करने से किया इन्कार। महिला का कहना है की वो इतने गर्मी के मौसम में निर्जला व्रत नहीं रख सकती। हालांकि उसने अपने ससुरालवालों से बात की थी की क्या इस व्रत को पानी के साथ रख ले? पर ससुरालवालोंं ने साफ इन्कार कर दिया। उन्होंने अपने पुरखों से चली आ रही इस व्रत को अपना धर्म बताया है। महिला के इन्कार कर देने से उसके पति अब काफी चिंतित है। क्योंकि उन्हें हर साल मिलने वाला अमृत इस साल नही मिल पाएगा। जिससे उनके जान जाने की भी कयास लगाई जा रही है। दूसरी तरफ एक यह भी हवा रिपोर्ट आई है की महिलाओं का मानना है की तीज की वजह से उनके पति अमर हो जाने के कगार पे है। और वो इस बात से काफी खफ़ा है। उनके अमर हो जाने से घरेलू हिंसा में और भी वृद्धि हो सकती है। बहरहाल इसका कोई ठोस उपाय अभी तक महिलाएं नहीं ढूंढ पाई है।  आज की हमारी दूसरी खबर है दोपहरवादी से। दोपहरवादी के एक रेस्टुरेंट में एक ब्वॉयफ्रेंड ने अपने गर्लफ्रेंड का बिल पे कर दिया और इस बात से नाराज गर्लफ्रेंड ने व...