सितमगर



                                        📷(अनन्या) 


मैं अपने सितमगर से कहती हूं
उसके सितम का हाल 
मुझे लगता है वो अंधेरे 
में खड़ा निशानें लगा रहा है
वह नहीं जानता वह क्या कर रहा है
मैं अपने सितमगर से कहती हूं 
उसके सितम का हाल
मुझे लगता है वो 
अनजाने में मुझे कर्कस कह गया
दिल तो बड़ा साफ है उसका
मुझे लगता है वो थक चुका है 
मुझे उसके पास होना चाहिए 
मैं जब भी उसके करीब जाती 
वो हाथ बढ़ा छिटक देता है 
मैं अपने सितमगर से कहती हूं....
वो शाम को टीले पर बैठ कर 
धुवां हवा में उड़ाता है
यह देख मैं चौक जाती हूं
मैं सोचती हूं 
जरूर कोई गंभीर समस्या है
वरना कोई जहर जान बूझ कर पीता है भला?
मैं उसे डब्बे के पीछे की तस्वीर दिखाती हूं
वो मुझे टुकूर टुकूर ताकता है 
और धुवां मेरे मुंह पर उड़ा देता है
मैं अपने सितमगर से कहती हूं......
पता नहीं क्या बात रही होगी 
जो कल तक का भला चंगा इंसान
मेरे शरीर पर दाग दे जाता है
जादू टोटका किया होगा किसीने 
नहीं तो ऐसा तो नहीं करता मेरा राजकुमार 
मैं अपने सितमगर से कहती हूं 
उसके सितम का हाल

5 comments:

Akash Tripathi said...

Kaafi aacha lekahan hai

suruchi kumari said...

Thank you 😊

Anonymous said...

Bahut badhiya 👌👌

Anonymous said...

Nice 🙂🤗✨

suruchi kumari said...

Thank you 😊😊