Skip to main content

Boundary

Twirling under the sunlight
I came to know that sky is 
So beautiful but, wait 
Do I know the limit?
Do I know how to reach the clouds?
That's the ultimate boundary
Isn't it?
In the hope of flying higher and quickly
I rushed towards the cloud in the rain 
rains are ready to bombard me 
With their pointed droplets.
And they have become more powerful
In the company of winds
I sailed and reached my goal to my limit
But, again I found a nonending sky above me.
Do I know the limit?
Do I know the boundary?

Comments

Popular posts from this blog

गुलदस्ता वाला चेहरा

शायद वो भूल गया है मुझे  3 हफ्ते हो गए और मेरी कोई  खबर नहीं। क्यों जरूरी हूं मैं उसके लिए  उसके जिंदगी में बहारों की  क्या कमी है? मोबाइल की नोटिफिकेशन  निहारती मै, उसके मेसेजेज का वेट करती मै, कितनी अजीब लगती हूं। खुद से बातें करके मैने  घर के कोने में एक  बड़ा सा ऊन का गट्ठर तैयार कर लिया है रोज उस गट्ठर को सुबह-शाम देखती हूं दोपहर को उसके कंधे पर सोती हूं और  शाम ढले उसके बाहों से सरक कर फिर से जमीन पर आ लगती हूं। जब गट्ठर से जी भर जाए तो  फिर से मोबाइल का नोटिफिकेशन  निहार लेती हूं  और फिर से वही निराशा। कितनी दयनीय हो गई हूं मैं! कल सुबह उठ के मैने यही सोचा  की मैं आज उस ऊन के गट्ठर को  खिड़की से बाहर फेक दूंगी और उस जगह पर खुद को सजाऊंगी और आज जब खिड़की खोली तो  वो अपने गुलदस्ते वाले चेहरे के साथ खड़ा था।

भगवान

किताबों की पढ़ी पढ़ाई बातें अब पुरानी हो चुकी हैं। जमाना इंटरनेट का है और ज्ञान अर्जित करने का एक मात्र श्रोत भी। किताबों में देखने से आँखें एक जगह टिकी रहती हैं और आंखों का एक जगह टिकना इंसान के लिए घातक है क्योंकि चंचल मन अति रैंडम। थर्मोडायनेमिक्स के नियम के अनुसार इंसान को रैंडम रहना बहुत जरूरी है अगर वो इक्विलिब्रियम में आ गया तो वह भगवान को प्यारा हो जाएगा।  भगवान के नाम से यह बात याद आती है कि उनकी भी इच्छाएं अब जागृत हो गई हैं और इस बात का पता इंसान को सबसे ज्यादा है। इंसान यह सब जानता है कि भगवान को सोना कब है, जागना कब है, ठंड में गर्मी वाले कपड़े पहनाने हैं, गर्मी में ऐसी में रखना है और, प्रसाद में मेवा मिष्ठान चढ़ाना है।  सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इंसान इस बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ यह पता कर चुका है कि भगवान का घर कहां है? वो आए दिन हर गली, शहर, मुहल्ले में उनके घर बनाता है। बेघर हो चुके भगवान के सर पर छत देता है।  इकोनॉमी की इस दौड़ में जिस तरह भारत दौड़ लगा के आगे आ चुका है ठीक उसी तरह इंसान भी भगवान से दौड़ लगा के आगे निकल आया है। अब सवाल यह है कि भगवान अग...

खबरें विस्तार से

नमस्कार, आप सबका स्वागत है खबरें विस्तार से में।  आज की हमारी पहली खबर आई है शामपुर से। शामपुर में एक औरत ने मौसम को देखते हुए तीज करने से किया इन्कार। महिला का कहना है की वो इतने गर्मी के मौसम में निर्जला व्रत नहीं रख सकती। हालांकि उसने अपने ससुरालवालों से बात की थी की क्या इस व्रत को पानी के साथ रख ले? पर ससुरालवालोंं ने साफ इन्कार कर दिया। उन्होंने अपने पुरखों से चली आ रही इस व्रत को अपना धर्म बताया है। महिला के इन्कार कर देने से उसके पति अब काफी चिंतित है। क्योंकि उन्हें हर साल मिलने वाला अमृत इस साल नही मिल पाएगा। जिससे उनके जान जाने की भी कयास लगाई जा रही है। दूसरी तरफ एक यह भी हवा रिपोर्ट आई है की महिलाओं का मानना है की तीज की वजह से उनके पति अमर हो जाने के कगार पे है। और वो इस बात से काफी खफ़ा है। उनके अमर हो जाने से घरेलू हिंसा में और भी वृद्धि हो सकती है। बहरहाल इसका कोई ठोस उपाय अभी तक महिलाएं नहीं ढूंढ पाई है।  आज की हमारी दूसरी खबर है दोपहरवादी से। दोपहरवादी के एक रेस्टुरेंट में एक ब्वॉयफ्रेंड ने अपने गर्लफ्रेंड का बिल पे कर दिया और इस बात से नाराज गर्लफ्रेंड ने व...