मौत की खबरें देखना और सुनना।
कितना साधारण है दिन दहाड़े चोरी
की खबरें पढ़ना।
कितना साधारण है पानी में बढ़ते आर्सेनिक
की मात्रा को नजरअंदाज करना।
कितना साधारण है हर साल
बारिश के महीने में पुलों का धराशाई हो जाना।
कितना साधारण है बाढ़ में
लोगों से उनका बसेरा छीन जाना।
कितना साधारण है गर्मी के दिनों में
पानी की किल्लत सहना।
कितना साधारण है खुली हवा में सांस ना लेना।
कितना साधारण है रोड पे कूड़े का अंबार होना।
कितना साधारण है महंगाई का आसमान छूना।
कितना साधारण है परीक्षाओं में अनियमितता
अगर कुछ असाधारण है तो वो है संप्रदाइक दंगे
और उस से उपजा साधारण लोगों की जाती जानें।
असाधारण है अंतर्जातीय विवाह
पर साधारण है उसके अग्नि से निकले
अपने आपको बचाती लपटे।
असाधारण है विदेशों में घटने वाले किस्से
और साधारण है अपने ही घर को सुलगता हुआ देखना।
2 comments:
Badhiya💯❤ 👏
Thank you 😊
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