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टपकता खून

तुम्हारे पर्दे से टपकता खून  कभी तुम्हारा फर्श गंदा नहीं करता वो किनारे से लग के  बूंद बूंद रिसता है  मुझे मालूम है कि  हर गुनाहगार की तरह  तुम्हे, तुम्हारे गुनाह मालूम है पर तुम्हारा जिल्ल ए इलाही बन  सबकुछ रौंद जाना  दरवाजे पर लटके पर्दे पर  और खून उड़ेल देता है।
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नारीवाद

नारीवाद का जन्म एक  रईसी खानदान में हुआ है। वो दिन रात के चकाचौंध में  पली बढ़ी है। बड़े बड़े ऋषि मुनियों का मानना  है कि  यह ही एक शक्ति है  जो दुनिया के हर  महिला के दुख के  निवारण के लिए पैदा हुई है। नारीवाद का अवतार एक  देव का अवतार है  वो सबसे पहले अपना साम्राज्य  स्थापित करेगी। कष्टों के निवारण के लिए  दरबार लगाएगी।

भगवान

किताबों की पढ़ी पढ़ाई बातें अब पुरानी हो चुकी हैं। जमाना इंटरनेट का है और ज्ञान अर्जित करने का एक मात्र श्रोत भी। किताबों में देखने से आँखें एक जगह टिकी रहती हैं और आंखों का एक जगह टिकना इंसान के लिए घातक है क्योंकि चंचल मन अति रैंडम। थर्मोडायनेमिक्स के नियम के अनुसार इंसान को रैंडम रहना बहुत जरूरी है अगर वो इक्विलिब्रियम में आ गया तो वह भगवान को प्यारा हो जाएगा।  भगवान के नाम से यह बात याद आती है कि उनकी भी इच्छाएं अब जागृत हो गई हैं और इस बात का पता इंसान को सबसे ज्यादा है। इंसान यह सब जानता है कि भगवान को सोना कब है, जागना कब है, ठंड में गर्मी वाले कपड़े पहनाने हैं, गर्मी में ऐसी में रखना है और, प्रसाद में मेवा मिष्ठान चढ़ाना है।  सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इंसान इस बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ यह पता कर चुका है कि भगवान का घर कहां है? वो आए दिन हर गली, शहर, मुहल्ले में उनके घर बनाता है। बेघर हो चुके भगवान के सर पर छत देता है।  इकोनॉमी की इस दौड़ में जिस तरह भारत दौड़ लगा के आगे आ चुका है ठीक उसी तरह इंसान भी भगवान से दौड़ लगा के आगे निकल आया है। अब सवाल यह है कि भगवान अग...

बेफिक्र

मेरे सपनों में तुम्हारा कोई रंग नहीं है तुम्हारे जैसी एक छाया है  जो  हू ब हू तुम्हारे जैसा है  सुबह की किरण कभी  मेरे सपने में पहुंची ही नहीं तुम्हें तौलने की बात ही  सिरे से ख़ारिज हो चुकी है तुम सपने में ही सही बेफिक्र घुमा करो। 

कितना जरूरी है

कितना जरूरी है मेरा सुंदर दिखना  और तुम्हारा पैसा कमाना? कितना जरूरी है मेरा बेदाग दिखना  और तुम्हारा पैसा कमाना? कितना जरूरी है मेरा सुशील होना और तुम्हारा पैसा कमाना? कितना जरूरी है मेरा पढ़ा लिखा होना  और तुम्हारा पैसा कमाना? कितना जरूरी है मेरा पर्दे में होना  और तुम्हारा पैसा कमाना? कितना जरूरी है मेरा पूछ के घर से निकलना  और तुम्हारा पैसा कमाना? कितना जरूरी है मेरा खाना बनाना  और तुम्हारा पैसा कमाना? कितना जरूरी है मेरा मेहमानों को देखना  और तुम्हारा पैसा कमाना? कितना जरूरी है मेरा नौकरी छोड़ बच्चों को देखना  और तुम्हारा पैसा कमाना? कितना जरूरी है मेरा तुम्हारे लिए व्रत रखना  और तुम्हारा पैसा कमाना? कितना जरूरी है मेरा बीमार होके तुम्हे 10  बार डॉक्टर के पास ले जाने के लिए कहना  और तुम्हारा पैसा कमाना? कितना जरूरी है.....

हल्का प्रेम

कितना हल्का है तुम्हारा प्रेम  जो समाज के थपेड़ों से डरता है मैंने देखा है तुम्हे  मुझे छुप कर के देखते हुए मेरे पलट कर देखने के बाद भी  तुम अपनी निगाह हटाया नहीं करते थे कम्युफ्लेज कर रहे थे तुम तो  कितना हल्का है तुम्हारा प्रेम.... रोज रात को दीवानों की तरह गाने  सुनाया करते थे मुझे  याद है वो बारिश की रात  जब तुम घर तक आ पहुंचे थे सिर्फ इसलिए कि तुम मुझे बारिश में देखना चाहते थे। उसकी अगली सुबह तुम्हारे पापा ने मेरे पापा को नौकरी से निकाल दिया था। शायद यह भी याद होगा तुम्हे  कितना हल्का है तुम्हारा प्रेम.... हाई स्कूल के पीछे पेड़ के नीचे बैठ के  बूढ़े होने का वादा कर गए थे तुम  और आज देखो  सच में तुम्हारी बूढ़ी आँखें काम नहीं कर रही तुम किसी और के साथ बूढ़े हो चुकने का फिर से  वादा कर आए हो कितना हल्का है तुम्हारा प्रेम... तुम शुरू से जानते थे  हमारे बीच का फर्क  पर कभी अहसास नहीं होने दिया  आज तुम ऊंचे हो कद में थोड़े  तो अब मेरा कद छोटा लग रहा है  तुमने रात में आना बंद कर दिया है बारिश में भीगना ब...

राजा

राजा को नींद बहुत पसंद है वो रोज मखमली गद्दे पे सोया करता है। वो जनता है इस गद्दे को बनाने वाले  हाथों को। वो जनता है की जब रूई कुटी  जा रही थी उस समय  गलती से करिंदे के हाथ में  चोट आ गई  और करिंदा अब कुछ महीनों तक  काम नहीं कर पाएगा इसके बावजूद राजा ने उसके दुकान  बंद करने का ऐलान कर दिया। राजा जनता था की गद्दे की सिलाई  करते वक्त मशीन की सूई  दूसरे कारीगर के उंगली में जा लगी थी कारीगर 2 दिनों का आराम चाहता था पर राजा ने उसे उम्र भर का आराम दे दिया। राजा जनता था की जिस गद्दे पर वह  चैन की नींद सोता है  उस गद्दे को बनाने के लिए कोई  अपना चैन गवाता है फिर भी राजा चादर तान  पेट के बल सोता है।