श्याम, मनोहर सुंदर चेहरे पर चांद सी रौशनी उतार दूं, आ सखी तोहे सजा दूं। नए कपड़े, जेवर, तेल फूलेल से तेरा अंग अंग महका दूं, आ सखी तोहे सजा दूं। तेरे पैरों में आलता और पाजेब की घुंघरूओं से सारा घर छनका दूं, आ सखी तोहे सजा दूं। तेरे मुखड़े को आंचल में छुपा के तुम्हे डोली में बिठा सजना संग विदा करा दूं आ सखी तोहे सजा दूं।